देश में वानिकी क्षेत्र बहुपक्षीय चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऐसे अनेक उभरते हुए मुद्दे हैं जिनसे निपटने के लिए भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को नए कौशलों से सुसज्जित होने की आवश्य्कता है। पिछले वर्षों में, अकादमी में भावसे परिवीक्षार्थियों का प्रशिक्षण अधिक गहन हो गया है। अकादमी के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल विभिन्न विषयों की पाठ्यचर्या में पिछले वर्षों में कुछ बदलाव हुए हैं। वर्तमान में, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में 20 माह का प्रशिक्षण तथा ला.ब.शा.रा.प्र.अ. में चार माह का आधार पाठ्यक्रम होता है।

पर्या.व. मंत्रालय द्वारा अकादमी में भावसे प्रशिक्षण के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए निदेशक, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति आईजीएनएफए, देहरादून में प्रशिक्षण के माहौल और बुनियादी ढांचे का भी आकलन करेगी।

आप आईजीएनएफए में दिए जाने वाले प्रशिक्षण की सामग्री, प्रशिक्षण-प्रणाली, मूल्यांकन अथवा अन्य किसी बिन्दु, पर अपनी टिप्पणी director@ignfa.gov.in पर प्रेषित कर सकते हैं।